दिल्ली। राजस्थान की राजनीति में राजे-रजवाड़ों का खासा दबदबा रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े राजघराने जयपुर की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी का बीजेपी ने सवाई माधोपुर विधानसभा से इस बार कांग्रेस को पटखनी देने के लिए टिकट काट दिया। इसके बाद से दीया कुमारी फिर से चर्चा में हैं। राजस्थान की राजनीति में यह चर्चा है कि वसुंधरा से बिगड़ते रिश्ते की वजह से ऐसा हुआ है।
प्यार के लिए समाज से भिडंत
भाजपा से टिकट कटने के बाद कांग्रेस यह लगातार कोशिश में लगी है कि दीया कुमारी को अपने पाले में लाया जाए। हालांकि दीया कुमारी का टिकट कटने से उनके समर्थकों में नाराजगी भी है। लेकिन दीया कुमारी कोई पहली बार सुर्खियों में नहीं है। इससे पहले वो अपनी शादी को लेकर भी काफी चर्चा में रही हैं। दीया कुमारी ने लव मैरिज की थी। इसके लिए वह अपने राजपूत समाज से भिड़ गई थी।
एक ही गोत्र में शादी का विरोध
दरअसल, दीया कुमारी की शादी अगस्त 1997 में हुई थी, जिसके साथ ही एक विवाद शुरू हो गया था। दीया ने नरेंद्र सिंह से लव मैरिज की थी और वो दोनों एक ही गोत्र के थे। इस बात को लेकर राजपूत समाज में नाराजगी थी। फिर इसे लेकर राजपूत समाज की सबसे बड़ी पंचायत राजपूत सभा ने इसका काफी विरोध किया।
2013 में ली बीजेपी की सदस्यता
इस विरोध के बाद दीया के पिता भवानी सिंह को राजपूत सभा ने न केवल स्थाई अध्यक्ष पद से हटा दिया, बल्कि राजपरिवार से लोगों ने रिश्ता भी खत्म कर लिया था। महाराजा भवानी सिंह का कोई बेटा नहीं था। उन्होंने 2002 में अपनी बेटी दीया के बेटों को गोद लिया था। भवानी सिंह के निधन के बाद 2011 में उनके वारिस के तौर पर पद्मनाभ सिंह का राजतिलक हुआ था। दीया 2013 में पहली बार भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
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