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Exit Poll: दिल्ली में विकास के मुद्दे से भटकना भारतीय जनता पार्टी को भारी पड़ गया?

दिल्ली। Exit Poll के नतीजे देश सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं है. दिल्ली विधानसभा में बीजेपी का सबसे ज्यादा स्कोर 26 और सबसे कम 7 सीट है तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा 2 और कम से कम शून्य तक का अनुमान लगाया गया है. जबकि 70 विधानसभा वाली दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी की पार्टी का हाईएस्ट स्कोर 63 और मिनिमम स्कोर 42 है. इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बरकरार रहेगी.

Exit Poll में APP का जादू

इस बार की दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर थी. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे आंदोलन के बीच चुनाव प्रचार हुआ. भारत बनाम पाकिस्तान और हिन्दू बनाम मुस्लिम तक मामला पहुंचा. जुबानी जंग ने सारी हदें पार कर दी. बीच में हनुमान चालीसा भी आया. गृह मंत्री अमित शाह ने डोर टू डोर कैंपेन किया. बीजेपी के 240 सांसदों ने दिल्ली के झोपड़पट्टी में चार दिनों तक डेरा डाले रखा. मगर Exit Poll में आम आदमी पार्टी का जादू चला.

क्या कहता है दिल्ली का Exit Poll?

TIMES NOW-IPSOS:
AAP- 47, BJP+- 23, CONG+- 00
REPUBLIC TV-जन की बात:
AAP- 55, BJP+- 15, CONG+- 00
INDIA TV-IPSOS:
AAP- 44, BJP+- 26, CONG+- 00
NEWSX-POLLSTART:
AAP- 56, BJP+- 14, CONG+- 00
INDIA TODAY-AXIX MY INDIA:
AAP- 63, BJP+- 7, CONG+- 00
ABP NEWS-C VOTER:
AAP- 56, BJP+- 12, CONG+- 02
INDIA NEWS NATION:
AAP- 56, BJP+- 14, CONG+- 01

भारी पड़ा विकास से भटकना?

21 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी का दंभ भर रही बीजेपी ने पूरा दमखम झोंकने के बावजूद Exit Poll में कुछ खास करती नहीं दिख रही. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि दिल्ली में बीजेपी से वोटर्स क्यों दूर हो गए? Exit Poll की मानें तो विकास के मुद्दे से भटकना बीजेपी को भारी पड़ गया.

दिल्ली के ‘दंगल’ में किसका पलड़ा भारी? शाम-दाम-दंड-भेद या शाहीन बाग?

विकास का मुद्दा छोड़ने की वजह से मतदाता बीजेपी से छिटक गए. सर्वे के मुताबिक 42 फीसदी वोटर बीजेपी का समर्थन इसलिए नहीं किया क्यों कि उसने अपना कैंपेन विकास कार्यों पर फोकस नहीं किया. इसका मतलब ये हुआ कि अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर, तीन तलाक, नागरिकता संशोधन कानून और शाहीन बाग चुनाव में बीजेपी को फायदा नहीं पहुंचा पाया. दिल्ली में बीजेपी को जिन लोगों ने वोट किया उनमें 57 फीसदी ने केंद्र सरकार के कार्य और 25 फीसदी ने मोदी के नाम पर वोट किया.