दिल्ली। कांग्रेस भले ही देश भर में चुनाव हार गई, मगर अमेठी (Amethi) की हार एक ऐसी हार हैं जिसे न तो गांधी परिवार भूलेगा और ना ही यूपी कांग्रेस के हार्डकोर कांग्रेसी. अमेठी उनके लिए सिर्फ एक सीट नहीं बल्कि इमोशन से जुड़ा मामला है. इस हाई प्रोफाइल सीट से राहुल के हारने के बाद अब इसका ऑपरेशन शुरू हो चुका है. कहा जा रहा है कि यहां के सांसद प्रतिनिधि ने ही राहुल गांधी को हराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.
प्रतिनिधि बन गया बीजेपी एजेंट?
कांग्रेस कार्य समिति ने भले ही राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया हो मगर अमेठी सीट (Amethi) से हार के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. कांग्रेस नेता और युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव धर्मेंद्र शुक्ला ने कहा कि ”अमेठी से राहुल गांधी की हार के जिम्मेदार राहुल के प्रतिनिधि चंद्रकांत दुबे हैं”.
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उन्होंने कहा कि ”चंद्रकांत ने अमेठी (Amethi) में बाहरी लोगों को लाकर चुनाव प्रचार कराया और अच्छे कांग्रेसियों को बेइज्जत किया, उन्हें पार्टी से निकलवा दिया”. कांग्रेस नेता ने कहा कि ”चंद्रकांत दुबे 2014 से बीजेपी एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. जिला पंचायत के चुनाव में उन्होंने अच्छे उम्मीदवार को चुनाव मैदान से हटवा दिया. निकाय चुनाव में ऐसे-ऐसे उम्मीदवार लाए गए जिनका कोई जनाधार नहीं था. जिसकी वजह से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी पराजय हुई”.
समय की कमी का फायदा?
धर्मेंद्र शुक्ला ने आरोप लगाया कि चंद्रकांत दुबे ने कांग्रेस और राहुल गांधी को नीचा दिखाने के लिए इस तरह का काम किया. शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी ने कई बार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की शिकायत को संज्ञान में लिया. हालांकि पूरे देश में चुनाव प्रचार की वजह से (Amethi) वो ज्यादा समय नहीं दे पा रहे थे. इसी समय की कमी का फायदा चंद्रकांत दुबे ने उठाया. उन्होंने कहा कि दुबे के विश्वासघात के लिए राहुल को पत्र लिखकर जांच की मांग की गई है. चंद्रकांत दुबे सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी शर्मा के बहुत करीबी लोगों में माने जाते हैं.
Amethi सीट क्यों है खास?
अमेठी (Amethi) एक ऐसी सीट है, जहां के लिए कहा जाता था कि ये गांधी परिवार की पेटेंट सीट है और यहां से गांधी परिवार के सदस्य को हराना मुश्किल है. हालांकि ये तिलिस्म अब टूट चुका है. बीजेपी की स्मृति ईरानी ने 55 हजार से ज्यादा वोटों से (Amethi) राहुल गांधी परास्त कर दिया. 1980 के बाद ये दूसरी बार है जब कोई गैर कांग्रेसी ने अमेठी (Amethi) में जीत दर्ज की हो. 2019 से पहले 1998 में एक साल के लिए भारतीय जनता पार्टी के संजय सिंह ने जीत हासिल की थी. यहां से राहुल गांधी के चाचा संजय गांधी 1980 (Amethi) में सांसद बने थे. इसके बाद राहुल गांधी के पिताजी राजीव गांधी चार बार (Amethi) सांसद चुने गए.
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