दिल्ली। मोटिवेशनल स्पीकर Sandeep Maheshwari संस्कृत का मजाक उड़ाकर घिर गए हैं. उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर बड़ा कैंपेन चल गया. उनकी आलोचना की जा रही है. अपने शोज में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले संदीप ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति पर सवाल खड़ा कर दिया है. खासकर संस्कृत को लेकर. इसके बाद तो #क्षमा_मांगो_संदीप_माहेश्वरी टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया.
Sandeep Maheshwari को दिक्कत क्यों है?
दरअसल भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति (NEP) में भारतीय भाषाओं पर जोर दिया है. इसमें संस्कृत भी शामिल है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशन एंड इंटरप्रेटेशन (IITI) गठन होगा. New Education Policy में संस्कृत को मेनस्ट्रीम करने की बात कही गई है. इसके तीन भाषाओं वाले फॉर्म्युले में एक भाषा के रूम में रखा गया है.
सरकार ने संस्कृत के लिए बड़ा प्लानिंग कर रखा है मगर मोटिवेशनल स्पीकर और मशहूर यूट्यूबर संदीप माहेश्वरी सरकार के इस कदम के खिलाफ है. उन्होंने अपने चैनल पर कहा कि संस्कृत की इस जमाने में कोई जरूरत नहीं है. इसी बात को लेकर संदीप का सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया. ट्विटर से संदीप माहेश्वरी से माफी मांगने की बातें कही जाने लगी.
Sandeep Maheshwari ने क्या कहा था?
अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में Sandeep Maheshwari कहते हैं कि ”मुझे संस्कृत में किसी से बात नहीं करनी है क्योंकि संस्कृत में जो भी किताबें पहले लिखी गई है, वो हिन्दी या इंग्लिश में कन्वर्ट हो चुकी है तो मैं हिन्दी में पढ़ लूंगा. जबर्दस्ती क्यों पढ़ा रहे हो? यहां पर एक आइडिया हो सकता है जो मेरा विचार है या तो इसको खत्म कर दिया जाए, इससे बोझ कम होगा. सोचो एक तरफ फ्रेंच पढ़ा रहे हो या संस्कृत पढ़ा रहे हो, ऊपर से जाके ट्यूशन भी लेनी पड़ रही है. ऊपर से उसका कोई यूज भी नहीं है. अपने मां-बाप को देखा है कभी संस्कृत में एक-दूसरे से बात करते हुए?” इसके बाद संदीप माहेश्वरी कुछ वाक्य बोलकर संस्कृत का ”मजाक” बनाते हैं. आप वीडियो प्ले करके सुन सकते हैं.
सोशल मीडिया ने दिखाया ‘आइना’
यूट्यूब चैनल और सेमिनार में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले Sandeep Maheshwari खुद को भले ही बहुत काबिल और सक्सेसफुल समझते हैं मगर सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके इस बयान को ”बेवकूफी” करार दिया है. एक यूजर ने लिखा कि ”चाहे जिस भी टॉपिक पर चर्चा हो रही थी, आप हमारी संस्कृत भाषा का मजाक नहीं उड़ा सकते. हम अलजेब्रा, ट्रिगोनोमेट्री और बहुत से टॉफिक्स का डे-टू-डे लाइफ में इस्तेमाल नहीं करते. क्या इसका मतलब ये है कि हम उसे सिलेबस से हटा दें?
कमोबेश ज्यादातर लोगों की यही राय थी कि जीवन में हम कैसी ऐसी चीजें पढ़ते हैं जिसका आगे चलकर रूटीन लाइफ में कोई इस्तेमाल नहीं होता, इसका मतलब ये नहीं हम उससे कुछ सीखते नहीं है. जीवन के मोड़ पर हर सीखी हुई चीज कहीं न कहीं तरह इस्तेमाल होती है.
‘वक्ता’ संदीप माहेश्वरी को जानिए
Sandeep Maheshwari का परिवार एल्युमीनियम का कारोबार करता था. धीरे-धीरे वो कारोबार बंद हो गया. मगर 40 साल के संदीप माहेश्वरी अपने बिजनेस में आज काफी सक्सेस हैं. उनकी बातें सुनने, देखने और जानने वालों की तादाद काफी है. वो खुद को एक फोटोग्राफर, उद्यमी और सार्वजनिक वक्ता कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं. ऑनलाइन फोटो का उनका बड़ा कारोबार है.
संदीप माहेश्वरी दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से B.Com की पढ़ाई पूरी नहीं कर सके. मगर आज बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और उनको सुनने भी बहुत से लोग आते हैं. मोटिवेशनल स्पीकर बनने से पहले संदीप ने कई चीजों में हाथ आजमाया. मल्टी लेवल मार्केटिंग में काम किया. मामला नहीं जमा तो उन्होंने मॉडलिंग का भी काम शुरू किया, वहां भी बात नहीं बनी तो फोटोग्राफी का एक छोटा-सा कोर्स कर लिया. फिर फोटोग्राफी का धंधा चल निकला. कई कंपनियों को फ्रीलांसिंग फोटोग्राफी की. फिर एक अपनी कंपनी खोल ली. फोटोग्राफी का कारोबार ठीक-ठाक चल रहा है.
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Don’t mislead people.Watch full video of him then judge.He didn’t said anything about the new education policy.this video was uploaded much before the release of the policy.For sometimes he made fun of sanskrit,that was wrong and he apologized for that on Twitter.But people like you are misguide others by saying it criticism of new education policy and saying it as anti hindu agenda…
don’t do that