झारखंड में रामगढ़ के एक छोटे से शहर कुजू के रहनेवाले एक साधारण से शख्स में आखिर ऐसा क्या असाधारण था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ में अंजन प्रकाश का जिक्र किया।
‘मन की बात’ में अंजन प्रकाश
छोटी सी जगह का साधारण सा अंजन प्रकाश आज सुर्खियों में है। सवाल है कि PM के ‘मन’ में जगह बनाने वाला अंजन प्रकाश आखिर है कौन? झारखंड के मशहूर फार्मासिस्ट बन चुके अंजन प्रकाश दरअसल कुजू में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र चलाते हैं।
A shopkeeper who runs a Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojna store said that he is happy to be serving people from remote areas. He also said that there was no corruption or harassment in the process to start the store. pic.twitter.com/BTo8VaDU1S
— Narendra Modi (@narendramodi) June 7, 2018
इसके जरिए अंजन सुदूर गांव के लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराते हैं। अंजन का कहना है कि उन्हें गरीबों की दुआएं मिलती हैं और साथ ही इस बात का संतोष होता है कि वो गरीबों और जरूरतमंदों के काम आते हैं।
7 जून को भी ‘सेहत की बात पीएम के साथ’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अंजन प्रकाश से लंबी बातचीत की थी। इस दौरान अंजन ने उन्हें बताया कि वो क्यों रांची से अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर कुजू आ गए और जनऔषधि केंद्र खोला। अंजन की बातों से प्रभावित प्रधानमंत्री ने उनसे एक खास सवाल पूछा और जनहित में एक विशेष अपील भी की।
अंजन से क्या पूछा पीएम ने?
नमो ऐप के जरिए देश के अलग-अलग जगहों पर स्वस्थ भारत के लिए लोगों से जुड़े पीएम ने अंजन प्रकाश से भी वही एक सवाल किया। उन्होंने पूछा कि जनऔषधि केंद्र खोलने में किसी तरह के भ्रष्टाचार का सामना तो नहीं करना पड़ा?
साथ ही पीएम ने अंजन से अपील की कि वो जनऔषधि से लाभान्वित लोगों का सम्मेलन कीजिए और उन्हें इसके फायदों के बारे में बताकर उन्हें जागरूक कीजिए।
क्या था अंजन का जवाब?
पीएम से संवाद के दौरान अंजन प्रकाश ने बताया कि उनका जनऔषधि केंद्र झारखंड के रामगढ़ में है और इसका लाइसेंस लेने में उन्हें न तो किसी को घूस देने की जरूरत हुई और न ही कोई दूसरी दिक्कत।
उन्होंने कहा कि उनका लाइसेंस उन्हें एक हफ्ते के भीतर बनकर मिल गया और अब वो न सिर्फ गरीबों की मदद करते हैं बल्कि उन्हें जागरूक करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।
कैसे आए पीएम की नजरों में
दरअसल, अंजन प्रकाश रामगढ़ के ही रहनेवाले हैं और उनकी पढ़ाई भी वहीं हुई…बाद में उन्होंने फार्मासिस्ट की पढ़ाई की और रांची में एक नौकरी हासिल कर अपनी जिंदगी जीने लगे। तब उनके पिता ने उनका मार्गदर्शन किया और गरीबों की मदद में उनकी रूचि जगाई। तब जाकर अंजन ने इस दिशा में सोचना शुरू किया और फिर प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र की जानकारी मिलने पर उन्होंने इसके लिए आवेदन किया।
अंजन बस इतना चाहते थे कि गरीबों-जरूरतमंदों को महंगी दवाइयों के लिए निजात मिले और इसके लिए वो सुदूर गांव तक सस्ती दवाएं पहुंचाते हैं। उनके लगन और दृढ़ निश्चय से ही वो स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक की नजर में आए और तब उनका नाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम संवाद के लिए आगे किया गया।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सिविल सर्जन समेत जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी भी मौजूद रहे। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख भाई ने भी इस बातचीत को अपने ट्वीटर अकाउंट पर साझा किया….और खुद पीएम ने भी इसे लेकर ट्वीट किया।