/बेरोजगारी से परेशान शख्स ने सड़क पर बांटा रिज्यूमे, गूगल समेत 200 कंपनियों से ऑफर
बेरोजगारी से परेशान शख्स ने सड़क पर बांटा रिज्यूमे,

बेरोजगारी से परेशान शख्स ने सड़क पर बांटा रिज्यूमे, गूगल समेत 200 कंपनियों से ऑफर

बेरोजगारी से परेशान शख्स ने सड़क पर बांटा रिज्यूमे

दिल्ली। नौकरी के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं? कोई कंपनी का गुणगान करता है तो कोई बॉस का. कोई चमचागीरी में लगा रहता है तो कोई मेहनत करने में. कोई लॉबिंग कर के नौकरी बचाता है तो कोई किसी का बुराई करके. मगर नौकरी कभी न कभी धोखा दे ही देती है. दरअसल नौकरी है ही बेवफा चीज.

नौकरी है ही बेवफा चीज

जिसके भरोसे जिंदगी जीने का सपना देखते हैं, वही धोखा दे देती है. एक जगह धोखा खाने के बाद, फिर दूसरी जगह उसी की तलाश. जिससे धोखा खाए रहते हैं. कमबख्त बिना उसके काम भी तो नहीं चलनेवाला. एक छूटती नहीं कि दूसरी की तलाश शुरू हो जाती है. दूसरी मिलती है तो तीसरी की. कुल मिलाकर नौकरी की तलाश हमेशा बनी रहती है. हां, सरकारी नौकरी को छोड़कर. ये सबकुछ इंडिया में ही नहीं, अमेरिका में भी खूब होता है.

‘डेविड को नौकरी दिलाओ’

अमेरिका के डेविड कैसोरेज की जिंदगी भी कुछ इसी तरह कट रही थी. इस दफ्तर से उस दफ्तर, फिर कोई और दफ्तर. जब ऑफिस-ऑफिस और इंटरव्यू-इंटरव्यू से मन ऊब गया, कहीं कामयाबी नहीं मिली तो रोड पर आ गए. उन्होंने रोड को ही नौकरी ढूंढने का जरिया बना लिया. अब राह चलते लोगों को रिज्यूमे बांटने लगे. ठीक वैसे ही जैसे सुबह-सबेरे कोई आपको मुफ्त में अखबार पकड़ा दे. चाहे न चाहे आपको लेना पड़ता है. वो तो उस शुक्र हो उस महिला का, जिसने डेविड और रिज्यूमे की तस्वीर अपनी ट्विटर पर पोस्ट कर दी. डेविड को नौकरी दिलाओ (गेट अ डेविड जॉब#) अभियान चला दिया.

200 कंपनियों से ऑफर

डेविड को लेडी लक काम कर गया और नौकरियों की झड़ी लग गई. अमेरिका की सिलिकॉन वैली में रहनेवाले डेविड कैसारेज ने बेरोजगारी से निपटने के लिए ये अनोखा तरीका अपनाया. अपने हाथ में तख्ती लिए वो रोड पर खड़े हो गए. तख्ती पर लिखा था बेघर लेकिन सफलता का भूखा, रिज्यूमे ले लीजिए. वेब डेवलेपर का काम चुके डेविड का ये नुस्खा चल निकला. गूगल, लिंक्डइन समेत 200 कंपनियों से नौकरी के लिए फोन आ गए. टेक्सास की यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके डेविड को नौकरी से निकाल दिया गया था. उन्होंने साल 2014-2017 तक जनरल मोटर्स में काम किया था.