भोपाल के सिरफिरे आशिक की महिलाओं ने चप्पलों और थप्पड़ से मरम्मत की. जिसको जैसे मन किया वैसे पीटा. कोर्ट में पेशी से पहले पुलिस ने उसका मिसरौद के उस इलाके में जुलूस निकाला, जहां उसने लड़की को बंधक बनाकर रखा था. करीब 12 घंटे चले ऑपरेशन के बाद मॉडल को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका था.
चप्पलों से उतारा इश्क का ‘भूत’
भोपाल पुलिस चैन की सांस तो कल ही ले चुकी थी. आराम करने के बाद उसने सिरफिरे आशिक रोहित को जांच के लिए घटनास्थल पर भी ले गई. इस दौरान उसे महिलाओं ने कई जगहों पीटा. कहीं थप्पड़ से अपने गुस्से का इजहार किया तो कई चप्पलों की बरसात हुई. किसी ने बाल खींचा तो किसी ने घूसा मारा. हाथ साफ करनेवालों में लड़के और लड़कियां, महिला और पुरुष सभी शामिल रहे. हालांकि साथ में चल रही पुलिस बीच-बचाव भी करती रही. इस दौरान आरोपी रोहित के चेहरे पर कोई शिकन देखने को नहीं मिली. उसने कहा कि मॉडल से उसका प्यार एकतरफा नहीं था. वो मुझसे शादी करना चाहती है. वह अपने माता-पिता के दबाव में शादी से इनकार कर रही हैं. मनोचिकित्सक ने रोहित को सामान्य बताया. फिलहाल वो एक दिन की पुलिस रिमांड पर है.
#WATCH: Women thrash the man who held a girl hostage in her
house in Bhopal yesterday, claiming he loves her
& wants to marry.The girl was later rescued &
sent for medical treatment. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/xDqwJSthoA
— ANI (@ANI) July 14, 2018
‘चाहती हूं कि रोहित को फांसी हो’
12 घंटे तक राजधानी भोपाल को हिला देनेवाले मॉडल बंधक मामले में मॉडल ने कहा कि मैं चाहती हूं कि रोहित को फांसी हो. उसने मुझे बंधक बना रखा था. वो कह रहा था कि अगर शादी नहीं करोगी तो पहले तुमको गोली मारूंगा और फिर खुद को भी गोली मार लूंगा. जान बचाने के लिए मैंने शादी के लिए हां कर दिया. चाकू के नोक पर उसने स्टाम्प पेपर पर साइन लिया. रोहित से मेरे जान को खतरा है. अगर वो जेल से निकला तो मुझे और परिवार की जान ले सकता है. उसे फांसी की सजा होनी चाहिए.
मॉडल को बंधक बनानेवाले रोहित से उसका परिवार भी परेशान था. अक्सर घरवालों से पैसे के लिए मारपीट करता था. इससे गुस्साए पिता रेशमपाल ने अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है. दो दिन पहले ही वो अलीगढ़ से भोपाल आया था. रोहित ने मॉडल को भी झांसे में रखा. वो मॉडल को बताता था कि वो उद्योगपति का बेटा है, उसका अलीगढ़ में फैक्ट्री है. जबकि उसके पिता एक किसान हैं.