3 साल बाद कन्हैया के खिलाफ चार्चशीट दायर, बोले JNSU के पूर्व अध्यक्ष- थैंक्स मोदीजी
नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNSU) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने सोमवार को दिल्ली पुलिस द्वारा देशद्रोह के मामले में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ दायर किए गए आरोपपत्र पर सवाल उठाया और इसे ‘असफल’ मोदी सरकार की राजनीतिक साजिश बताया.
कन्हैया के अलावा पुलिस ने संसद भवन हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरुद्ध जेएनयू (JNU) परिसर में फरवरी 2016 को आयोजित कार्यक्रम के संबंध में पूर्व छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य को भी आरोपी बनाया है. कार्यक्रम में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे.
देशद्रोह का आरोप
कुमार, खालिद और भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद व्यापक रूप से अशांति फैल गई थी और विपक्षी दलों व सिविल सोसाइटी सदस्यों ने इसकी निंदा की थी. पुलिस ने अपने आरोपपत्र में उन पर देशद्रोह, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने और अपराधिक षड्यंत्र सहित विभिन्न आरोप लगाए हैं.
ये भी पढ़ें-दिल्ली अभी दूर है…! उससे पहले बिहार महागठबंधन में ‘चेहरे’ पर चिकचिक
आरोपपत्र में जिन अन्य लोगों का नाम है उनमें जेएनयूएसयू (JNSU) की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता डी. राजा की बेटी अपराजिता भी हैं, लेकिन इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है. कन्हैया कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मोदी सरकार द्वारा ‘अपनी सभी असफलताओं को छिपाने के लिए चली गई विभाजनकारी चाल है.’
पुलिस और मोदी का आभार- कन्हैया
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मुझे अदालत से कोई समन या सूचना नहीं मिली है. लेकिन, अगर यह सच है तो हम पुलिस और मोदी का आभार प्रकट करते हैं कि आखिरकार तीन साल बाद, जब उनका और उनकी सरकार के जाने का समय आ गया है, तब आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया. लेकिन, जो उल्लेखनीय है वह है आरोपपत्र को दाखिल करने का समय..लोकसभा चुनावों से ठीक पहले.
मोदी जी से हमने 15 लाख, रोज़गार और अच्छे दिन माँगे थे, देश के अच्छे दिन आए न आए कम से कम चुनाव से पहले हमारे ख़िलाफ़ चार्जशीट तो आई है। अगर यह ख़बर सही है तो मोदी जी और उनकी पुलिस को बहुत-बहुत धन्यवाद।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 14, 2019
उन्होंने कहा कि यह सबूत है कि इसके पीछे राजनीतिक उद्देश्य है. उद्देश्य है कि हर मोर्चे पर असफल मोदी सरकार अपना एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है, इसलिए वह ध्यान बांटने के लिए अपने सारे पत्ते खेल रही है.
घटना के तीन साल बाद आरोपपत्र दाखिल करने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने सभी वादों की तरह इस मामले में भी गंभीर नहीं थी और अब इस मुद्दे का राजनीतिक उपयोग कर रही है.
चुनाव से पहले आरोपपत्र क्यों हुआ दाखिल
उन्होंने सवाल किया कि सरकार अगर वाकई इस मामले में गंभीर थी और मानती थी कि हम देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे तो आरोपपत्र दाखिल करने में तीन साल क्यों लगे, वो भी चुनावों से ठीक पहले?
शहला राशिद ने भी मोदी सरकार पर इस मामले का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने ‘बेचैनमोदी’ हैशटैग के साथ ट्वीट किया कि मोदी सरकार ने इस कृत्रिम विवाद का उपयोग किश्तों में किया है. अगली किश्त 2019 के आम चुनावों के नामांकन के दिन होगी.
Comments