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Bhupesh baghel: सीएम बनने से पहले जब भूपेश बघेल को जाना पड़ा था जेल

सीएम बनने से पहले जब भूपेश बघेल को जाना पड़ा था जेल

दिल्ली। तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे प्रचंड जीत कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में मिली. सबसे ज्यादा वक्त छत्तीसगढ़ के सीएम चुनने में ही लगा. भूपेश बघेल (Bhupesh baghel), टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत पर आलाकमान ने मंथन की. मगर राहुल गांधी ने आखिरी फैसला भूपेश बघेल के नाम पर की. बाकी तीनों नाम रेस में पिछड़ गए.

जब अजीत जोगी को पार्टी से निकाला

आक्रामक तेवर रखने वाले भूपेश बघेल (Bhupesh baghel) ने जब पार्टी की कमान संभाली तो पार्टी कई मोर्चे पर जूझ रही थी. राज्य के बड़े नेता झीरम घाटी में नक्सली हमले में मारे जा चुके थे. जिसमें विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और महेंद्र कर्मा मुख्य तौर पर शामिल थे. ऐसे में पार्टी में न सिर्फ नेतृत्व का संकट था बल्कि लगातार तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस भी हताश थी. बघेल को जो जिम्मेदारी मिली वो किसी चुनौती से कम नहीं थी. उन्होंने (Bhupesh baghel) न सिर्फ पार्टी में नई जान फूंकी बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अजीत जोगी को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया.

रमन सिंह पर हमले का बघेल स्टाइल

कांग्रेस के बड़े नेता मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के खिलाफ नरम रुख अख्तियार किए हुए थे तो भूपेश बघेल (Bhupesh baghel) विधानसभा के भीतर और बाहर बीजेपी सरकार पर सीधा हमला बोला. प्रदेश के कई मुद्दों को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला. नसबंदी कांड, अंखफोड़वा कांड और भूमि अधिग्रहण को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने पदयात्राएं की. विधानसभा चुनाव से पहले बघेल (Bhupesh baghel) की प्रदेश के कई हिस्सों में पदयात्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरा. भूपेश बघेल (Bhupesh baghel) ने खुद छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं की नब्ज पकड़कर उसे चुनावी मुद्दा बनाया. इसे अपनी चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करवा कर बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया.

14 दिनों के लिए जेल गए थे बघेल

जैसे-जैसे भूपेश बघेल (Bhupesh baghel) का हमला रमन सरकार पर बढ़ता गया, वैसे-वैसे बघेल और उनके परिवार पर कई तरह के मुकदमों में फंसता गया. बात यहां तक आ गई कि रमन सिंह सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक कथित सेक्स सीडी मामले में भूपेश बघेल (Bhupesh baghel) को 14 दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा. मगर बाद में आलाकमान के कहने पर वो जेल रिहा होते ही चुनाव की कमान संभाली. इस घटना के बाद बघेल (Bhupesh baghel) की छवि उस योद्धा के तौर पर पेश की गई जो किसी भी दबाव में झुकने को तैयार नहीं था. अब सीएम की कुर्सी पर उनकी ताजपोशी होगी