दिल्ली। देश का किसान एक बार फिर से दिल्ली दरबार में अपनी गुहार लेकर पहुंचा है. इनकी मांग है कि संसद का स्पेशल सेशन बुलाकर फसलों के उचित दाम की गारंटी देने का कानून बनाया जाए. देश भर के किसानों का कर्ज एक मुश्त माफ किया जाए. किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए संसद में कानून पास किया जाए.
रामलीला मैदान में बड़ी रैली
दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों ने बड़ी रैली की. अलग-अलग राज्यों से हजारों किसान अपनी मांग सरकार तक पहुंचाने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं. उनका कार्यक्रम रामलीला मैदान से संसद तक मार्च निकालने का है. दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर इलाकों से किसान पैदल ही रामलीला मैदान पहुंचे. आयोजकों ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे हर हाल में संसद तक मार्च करके रहेंगे. जबकि दिल्ली पुलिस किसी तरह किसानों को रामलीला मैदान से निकलने देना नहीं चाहेगी. पुलिस और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत भी चल रही है.
दिल्ली पुलिस भी चौकस
किसानों के मार्च को लीड कर रहे हैं स्वराड इंडिया पार्टी के अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान संघर्ष मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य योगेंद्र यादव और किसान आंदोलन के आयोजक अभिक साहा ने साफ कर दिया है कि ये किसान आंदोलन शुरू से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहा है और आगे भी उन्हें ऐसा ही रहने की उम्मीद है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इंडिया गेट और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का इजाजत नहीं है. पुलिस की कोशिश है कि रामलीला मैदान में ही किसान अपना रैली कर लें और अपने घरों को लौट जाएं. किसानों की तादाद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी किया है.
कीमत के लिए कानून की मांग
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के एलान पर देशभर के 200 से ज्यादा किसान-मजदूर संगठन इस किसान रैली में शिरकत कर रहे हैं. इस किसान मार्च को वाम दलों समेत 21 राजनीतिक दलों का भी समर्थन हासिल है. मेघालय, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और केरल सहित विभिन्न राज्यों से किसानों का समूह दिल्ली में जुट चुका है. किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर ये किसान प्रदर्शन बुलाया गया है.